खाद्य सुरक्षा फॉर्मो की जाँच दुबारा शुरू 2025 | Nfsa Form inspection start again Nfsa New Update

खाद्य सुरक्षा योजना के तहत नए आवेदनों की जांच प्रक्रिया में एक बार फिर विवाद सामने आया है। जहां सरकार का दावा है कि फॉर्म जांच प्रक्रिया निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से हो रही है, वहीं जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है। हमारी जांच में पता चला है कि कुछ एजेंट्स के माध्यम से पैसे देकर फॉर्म जल्दी अप्रूव करवाए जा रहे हैं, जबकि वास्तव में पात्र लोग महीनों से इंतजार कर रहे हैं।

खाद्य सुरक्षा योजना में क्या है विवाद?

खाद्य सुरक्षा योजना के तहत नए आवेदनों की जांच प्रक्रिया 2025 में फिर से शुरू हुई थी। हालांकि, जमीनी स्तर पर देखने को मिल रहा है कि केवल कुछ चुनिंदा फॉर्मों की ही जांच हो रही है। हमारी टीम ने कई जिलों में जाकर पाया कि जिन लोगों ने एजेंट्स के माध्यम से पैसे दिए हैं, उनके फॉर्म तुरंत प्रोसेस हो रहे हैं, जबकि सामान्य आवेदकों के फॉर्म महीनों से लंबित पड़े हैं।

कैसे काम कर रही है यह अवैध प्रक्रिया?

हमारे पास कुछ ऐसे फॉर्म के सबूत हैं जो हाल ही में भरे गए और कुछ ही दिनों में अप्रूव हो गए। जबकि सरकारी अधिकारियों का दावा है कि फिलहाल जांच प्रक्रिया होल्ड पर है। यह स्पष्ट संकेत है कि कहीं न कहीं व्यवस्था में गड़बड़ी हो रही है। कई एसडीओ कार्यालयों में अधिकारी यह कहकर मामला टाल रहे हैं कि “अभी खाली जगह नहीं है” या “जांच प्रक्रिया शुरू नहीं हुई है”।

वास्तविक पात्र लोगों की क्या स्थिति है?

जो वास्तव में इस योजना के पात्र हैं, वे महीनों से अपने फॉर्म के अप्रूवल का इंतजार कर रहे हैं। गरीब परिवार जिन्हें राशन कार्ड की सख्त जरूरत है, उन्हें बार-बार कार्यालयों के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं। कई लोगों ने हमें बताया कि उन्हें सीधे तौर पर पैसे देने के लिए कहा जा रहा है तभी उनका फॉर्म प्रोसेस होगा।

सरकारी विभाग का क्या है जवाब?

खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग के अधिकारियों का कहना है कि फॉर्म जांच प्रक्रिया पूरी तरह से नियमानुसार हो रही है। उनका दावा है कि अगर कहीं कोई अनियमितता हो रही है तो उसकी जांच की जाएगी। हालांकि, विभाग ने यह स्वीकार किया है कि कुछ तकनीकी कारणों से जांच प्रक्रिया धीमी चल रही है।

आम जनता क्या कर सकती है?

अगर आपने भी खाद्य सुरक्षा योजना के लिए आवेदन किया है और आपका फॉर्म लंबित है, तो आप निम्न कदम उठा सकते हैं:

  1. अपने फॉर्म की स्थिति ऑनलाइन चेक करें

  2. स्थानीय खाद्य आपूर्ति अधिकारी से संपर्क करें

  3. यदि कोई अनियमितता दिखे तो जिला खाद्य अधिकारी को शिकायत दर्ज कराएं

  4. हेल्पलाइन नंबर पर शिकायत दर्ज कराएं

निष्कर्ष: क्या है समाधान का रास्ता?

इस पूरे मामले में सबसे जरूरी है कि योजना का लाभ वास्तविक पात्र लोगों तक पहुंचे। सरकार को चाहिए कि वह:

  1. फॉर्म जांच प्रक्रिया को पूरी तरह पारदर्शी बनाए

  2. ऑनलाइन सिस्टम को और मजबूत करे

  3. अनियमितताओं पर सख्त कार्रवाई करे

  4. जांच प्रक्रिया की रियल-टाइम मॉनिटरिंग करे

जनता से हमारा अनुरोध है कि वे किसी भी तरह की अनियमितता की शिकायत तुरंत संबंधित अधिकारियों से करें। साथ ही, किसी भी एजेंट को पैसे देकर फॉर्म अप्रूव करवाने की कोशिश न करें, क्योंकि इससे आप स्वयं धोखाधड़ी का शिकार हो सकते हैं और भविष्य में योजना से बाहर किए जा सकते हैं।

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